कालसर्प शांति पूजा त्र्यंबकेश्वर
कालसर्प शांति पूजा क्यों करें?
अगर आप की कुंडली में जब सारे ग्रह रहू और केतु के बीच में फस जाते है; या सभी शुभ फलदायी ग्रह कुंडली के किसी दुष्ट चक्र में फ़स जाते है; या सभी शुभ फलदायी ग्रह कुंडली के एक ही स्थान में आते है, जिसे युति कहते है, तब आप समझ सकते है की आप कालसर्प दोष से पीड़ित है.
जब कुछ ग्रह राहू और केतु के फेरे के बहार होते है, तो उसे ‘अर्ध कालसर्प दोष’ कहा जाता है.
- कालसर्प दोष के पीड़ित व्यक्ति हो जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
- हम कितना भी पैसा कमाए, या तो हमें इस पैसे को सही जगह कैसे खर्च करे यह समझ में नहीं आता, या तो वह पैसे किसी कारणवश हम से दूर चला जाता है.
- यह दोष हमारे मन में नकारात्मक भावना का संचार बढ़ा देता है. और इस से हम भय युक्त जीवन व्यतीत करते है.
- यह दोष से पढाई में भी कई परेशानिया आती है और विवाह होने में भी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है.
- यह दोष व्यवसाय में अधोगति का कारण बन सकता है. या व्यवसाय में बड़ा नुकसान भी हो सकता है.
- पति-पत्नी के रिश्तों में तनाव आता है तथा संतति होने में भी विलम्ब होता है.
अतः इस दोष से मुक्ति पाने के लिए कालसर्प शांति पूजा करना बहुत जरूरी होता है.
कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को रात को सोते समय निम्नलिखित प्रकार के सपने आ सकते है.
- शारीर पर साप रैंग ने के सपने से चिल्ला के उठना
- पानिपर तैरता हुवा साप दिखाई देना
- उड़ता हुवा साप दिखाई देना
- एक साथ बहुत सारे साप दिखाई देना
- कुंडली मारे बैठा हुवा काला नाग दिखना
- गाय या घोड़े को सर्पदंश होते हुवे दिखाई देना
- साप और नेवले की लड़ाई दिखाई देना
- फन फैलाए फुत्कारता हुवा काला नाग हात और पैरोंको कुंडली मारे हुवे दिखाई देना.
कालसर्प दोष के प्रकार
क्र. | कालसर्प दोष के प्रकार | कुंडली में राहू और केतु का स्थान | प्रभाव |
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१ | अनंत | प्रथम / सप्तम | जीवन में परेशानिया, मानसिक अशांति |
२ | कुलिक | द्वितीय / अष्टम | अनापेक्षित खर्चे होना, उद्दंडता / गर्व का विकास, घर में झगड़े |
३ | वासुकी | तृतीय / नवम | भाई बहनों में झगड़े, मित्रों से धोका |
४ | शंखपाल | चतुर्थ / दशम | संतान न होना, आर्थिक अड़चने, शिक्षण, शियर बाज़ार में नुकसान |
५ | पद्म | पंचम / एकादशम | शिक्षण, शियर बाज़ार में नुकसान |
६ | महापद्म | षष्ठम / द्वादशम | शत्रु से भय, तनाव |
७ | तक्षक | सप्तम / प्रथम | वैवाहिक जीवन में अड़चने |
८ | कर्कोटक | अष्टम / द्वितीय | नौकरी छुट जाना, दुर्घटना, पैतृक संपत्ति का विनाश |
९ | शंखचूड | नवम / तृतीय | बदनसीबी |
१० | पातक | दशम / चतुर्थ | माता-पिता से वियोग, व्यवसाय में परेशानिया |
११ | विषधर | एकादशम / पंचम | जीवन में परेशानिया, भाई बहनों में झगड़े |
१२ | शेषनाग | द्वादशम / षष्ठम | अनजान शत्रुओंसे भय , बदनामी, आँखों की व्याधि |
वैसे तो कालसर्प दोषों के कई उपाय है. लेकिन सबसे परिणामकारक उपाय है कालसर्प शांति पूजा. हम इस प्रकार की पूजा करते आप के कालसर्प दोष का निवारण करते है. पूजा के बाद हम आप को और भी उपाय बताएँगे. जो आपका जीवन सुखकर बना देंगे.