नारायण नागबली का महत्व और प्रक्रिया:
भारत में अधिकतर दम्पत्यों की कम से कम एक पुरुष संतान प्राप्ति की प्रबल इच्छा होती है. और इस इच्छा की पूर्ति न होना दम्पत्यों के लिए खाफी दुःख दाई होता है. इस आधुनिक युग में टेस्ट ट्यूब बेबी जैसी उपचार पद्धति उपलब्ध है. लेकिन कई लोगों के हिसाब से यह काफी महेंगी होती है. कुछ लोग इन महेंगे उपचारों के लिए कर्जा लेते है. लेकिन जब इस महेंगे उपचारों का कोई फायदा नहीं होता, तब यह लोग ज्योतिषों के पास जाते है. और एक ज्योतिष ही इन उपचारों की विफलता का कारण जान सकता है.
जहा रोग है, वहा उपाय भी है. यही नियम को ध्यान में रखते हुवे हमारे पूर्वजों ने इन समस्याओं को मिटाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय सूचित किये हुए है. सब से पहेले ज्योतिष यह देखते है की इस की पीड़ित दम्पत्यों की जनम कुंडली में संतान प्राप्ति का योग है या नहीं. अगर है, तो गर्भधारण करने में समस्या का कारण क्या है. जैसे के पूर्व जनम के पाप, पितरों का श्राप, कुलविनाश का योग, इ. कारण पता चलने के बाद वह उस समस्या का उपाय खोजते है. इन उपायों में से नारायण नागबली सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. अगर यह विधि उचित प्रकार से और मनोभाव से किया जाए, पुरुष संतान प्राप्ति की काफी संभावनाए उत्पन्न होती है.
भूत प्रेतों से परेशानी
कोई स्थाई अस्थाई संपत्ति जैसे के, घर जमीन या पैसा किसी से जबरन या ठग कर हासिल की जाती है तो मृत्यु पश्चात् उस व्यक्ति की आत्मा उसी संपत्ति के साथ रहे जाती है. उस व्यक्ति को मृत्यु पश्चात् जलाया या दफनाया भी जाए तो भी उस की इच्छाओं की आपूर्ति न होने के कारण उस के आत्मा को मुक्ति नहीं मिल पाती और वह आत्मा प्रेत योनी में परिवर्तित होती है. और उस के पतन को कारणीभूत वक्ती को पीड़ा देने लगाती है.
अगर किती शापित व्यक्ति की मृत्यु पश्चात् उसका अन्त्य विधि शास्त्रों अनुसार संपन्न न हुआ हो, या श्राद्ध न किया गया हो. तो उस वजह से उस से सम्बंधित व्यक्तिओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जैसे के –
- संतति का ना होना
- पुत्र संतति का आभाव. अगर पुत्र संतति होती भी है, तो उस का अल्प जीवी होना
- व्यवसाय में नुकसान, नौकरी छुट जाना, कर्जे में डूब जाना.
- खेती में नुकसान
- अज्ञात कारणों से पशुधन का विनाश
- परिवार में बिमारीयाँ
- परिवार के सदस्यों में झगड़े या तनाव होना
- महिलाओं में मासिक धर्म का नियमित न होता. या गर्भपात होना
- काफी कष्टों के बावजूद आर्थिक अड़चनों का सामना करना
- परवार के किसी सदस्यों को भूत बाधा होना
- मानसिक या शारीरिक विकलांग संतति का जन्म होना.
ऊपर लिखे हुवे सभी या किसी भी परेशानी से व्यक्ति झुंज रहा हो तो उसे नारायण-नागबली करने की सलाह दी जाती है.
श्राप दर्शक स्वप्न
कोई व्यक्ति अगर निम्नलिखित स्वप्न देखता है, तो वह पिछले या इसी जन्म श्रापित श्रापित होता है.
- स्वप्न में नाग दिखना, या नाग को मारते हुवे दिखना, या टुकड़ो में कटा हुवा नाग दिखना
- खुद को पाने में डूबते हुवे देखना
- स्वप्न ने झगड़े देखना
- किसी ईमारत को गिरते हुए देखना
- विधवा या किसी रोगी सम्बन्धी को देखना
- किसी ऐसी स्त्री को देखना, जिसके बच्चे की मृत्यु हो गई है, वह उस बच्चेके प्रेत के पास बैठे रो कर अपने बच्चे को उठने को कहे रही है, और लोग उसे उस प्रेत से दूर कर रहे है.
इन प्रकार के स्वप्नों से मुक्ति पाने के लिए नारायण-नागबली यह विधि की जाती है. “धर्मसिंधु” और “धर्मनिर्णय” इन प्राचीन ग्रंथो में इस विधि के बारे में लिखा हुवा है.